लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की जीवन हम सबों के लिए अनंत प्रेरणा स्रोत डा टोपलाल वर्मा*
संजय सेन
तिल्दा
*देशभर में लोकमाता अहिल्या बाई होलकर की त्रिस्ताब्दी समारोह मनाया जा रहा है इसी के चलते तिल्दा कोहका सत्या नारायन अग्रवाल कला एवम वाणिज्य महाविधालय में और नेवरा के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ठ विद्यालय में भी वाख्यान माला आयोजित किया गया था डा टॉप लाल ने संबोधित करते हुए कहा कि
देवी अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी वर्ष के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने मां अहिल्याबाई होल्कर को लेकर कहा कि राज्यकर्ता कैसा हो, वो उदाहरण थीं। उनके नाम के पीछे ‘पुण्यश्लोक’ शब्द लगा हुआ है। पुण्यश्लोक उस राजकर्ता को कहते हैं, जो कि अपनी प्रजा को हर तरह के अभावों, दुखों से मुक्त करता है। यानि कि एक तरह से अपनी प्रजा के कर्तव्य से उऋण हो जाता है। वास्तव में उस काल में हमारे यहां जो आदर्श राज्यकर्ता हुए, उनमें से एक देवी अहिल्याबाई थीं। देवी अहिल्याबाई एक राज्यकर्ता होने के बाद भी खुद को राजा नहीं मानती थीं। वो ये मानती थीं कि वो भगवान शिव के आदेश पर राज्य चला रही हैं। आज की हमारी स्थिति में भी हमारे लिए वो एक आदर्श हैं, उनका अनुकरण करने के लिए वर्ष भर उनका स्मरण करने का प्रयास सर्वत्र चलने वाला है, यह अतिशय आनंद की बात है।इस दौरान प्रांत बौद्धिक प्रमुख रमेश वर्मा, बलराम यदु जी, भाजपा जिला महामंत्री अनिल अग्रवाल,गोपाल वर्मा, सौरभ जैन, विजय ठाकुर, राजेश चंदानी जानकी वर्मा, खुमान वर्मा इश्वर यदु, मनोज निषाद , अनुराधा वर्मा,मोहब्बत मांडवी, दुष्यंत साहू, लक्ष्मण साहू, डागेश साहू, राजू कुरैशी, सुधा चौबे, आदि उपस्थित रहे