क्रान्ति सेना व जोहर छत्तीसगढ पार्टी ने खरोरा खड़ में की कार्यकारणी की घोषणा

Date: 2025-09-01

“जय जोहार… जय छत्तीसगढ़” के नारों से गूंज उठा खरोरा क्षेत्र

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रिपोर्ट संजय सेन 

 नगर खरोरा मे जोहार छत्तीसगढ पार्टी और छत्तीसगढ क्रान्ति सेना ने खरोरा क्षेत्र के कार्यकर्ताओ के नवीन कार्यकारणी की घोषणा की छत्तीसगढ़ की राजनीति के इतिहास में दर्ज होने वाला दिन साबित हुआ। जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने जिस अंदाज़ में अपनी ताक़त दिखाई है, उसने यह साफ कर दिया है कि आने वाले समय में खरोरा ही नहीं बल्कि पूरा रायपुर ग्रामीण राजनीति का नया केंद्र बनने जा रहा है। जिला पदाधिकारी की नियुक्ति के बाद लगातार पार्टी की पकड़ और गहरी होती चली गई है। खड़ गुड़ी पार में जिस तरह से नए और अनुभवी सेनानियों को जिम्मेदारी सौंपी गई, उससे यह संदेश निकलकर आया है कि अब लड़ाई सिर्फ राजनीति की नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की माटी, अस्मिता और लोगों की आवाज़ की है।

सुबह से ही खरोरा में माहौल बदला-बदला था। दूर-दूर के गाँवों से महिलाएं, युवा, किसान और मजदूर अपने-अपने हाथों में झंडे लेकर निकल पड़े थे। नगाड़ों की गूंज और ढोल की थाप के साथ जब लोग जुलूस की शक्ल में कार्यक्रम स्थल पहुंचे तो पूरा इलाका “जय जोहार… जय छत्तीसगढ़” के नारों से गूंज उठा। यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत जैसा प्रतीत हो रहा था। मंच पर बैठने से पहले ही भीड़ का उत्साह इतना था कि बार-बार तालियों की गड़गड़ाहट और जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठता था।

इस ऐतिहासिक मौके पर जब नए पदाधिकारियों के नाम पुकारे गए तो भीड़ खुशी से झूम उठी। हर पदाधिकारी को पार्टी का प्रतीक चिन्ह, गमछा और नारियल भेंट कर सम्मानित किया गया। यह परंपरागत अंदाज सबके दिल को छू गया। महिलाओं ने आरती उतारी, बच्चों ने फूल बरसाए और युवाओं ने मंच के सामने जोश में नारे लगाए। हर किसी के चेहरे पर एक अलग ही चमक थी, मानो यह जिम्मेदारी उनके लिए सम्मान के साथ-साथ एक ऐतिहासिक कर्तव्य भी हो।

पार्टी के नेता योगेश साहू ने मंच से बोलते हुए कहा कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की है। उन्होंने कहा कि खरोरा से उठी यह चिंगारी अब पूरे रायपुर ग्रामीण को रोशन करेगी और फिर यही लहर पूरे प्रदेश में फैलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े-बड़े राष्ट्रीय दलों ने छत्तीसगढ़ के नाम पर सिर्फ राजनीति की, लेकिन जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने छत्तीसगढ़ की आत्मा को जगाने का काम किया है। आज हर गली, हर गाँव, हर खेत-खलिहान से आवाज़ उठ रही है कि हमें अपनी पार्टी चाहिए, अपने लोग चाहिए और अपनी मिट्टी का सम्मान चाहिए।

इस मौके पर उपस्थित जनता ने भी पूरे जोश से अपनी बातें रखीं। महिलाओं ने कहा कि अब तक हर सरकार ने उनके सवालों को नजरअंदाज किया लेकिन आज उन्हें उम्मीद दिख रही है कि जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी उनकी ताक़त बनेगी। युवाओं ने कहा कि यह पार्टी हमारी आवाज़ है, हमारे सपनों की पूर्ति करेगी और हमें अपने प्रदेश में सम्मान से जीने का हक दिलाएगी। किसानों और मजदूरों ने साफ कहा कि अब समय आ गया है कि हम किसी राष्ट्रीय दल के पीछे न भागकर अपनी क्षेत्रीय शक्ति को मज़बूत करें।

कार्यक्रम में जिम्मेदारियों का बंटवारा भी बड़े सुनियोजित तरीके से किया गया। गाँव-गाँव में बूथ समितियां बनाने की घोषणा हुई। युवाओं को आईटी और मीडिया की कमान दी गई ताकि पार्टी का संदेश सोशल मीडिया से लेकर हर मोबाइल तक पहुंचे। महिलाओं को जनजागरण की जिम्मेदारी सौंपी गई ताकि वे घर-घर जाकर पार्टी का विचार पहुंचा सकें। अनुभवी सेनानियों को सदस्यता अभियान और संगठन विस्तार की जिम्मेदारी दी गई। यह रणनीति साफ दिखाती है कि पार्टी अब सिर्फ भाषण और नारे तक सीमित नहीं रहने वाली बल्कि ज़मीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी हुई है।

खरोरा का यह अभियान अब धीरे-धीरे पूरे रायपुर ग्रामीण को अपने घेरे में ले रहा है। हर गाँव से लोग स्वेच्छा से जुड़ रहे हैं। कई जगहों पर लोगों ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय दलों की सदस्यता छोड़कर अब जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी का दामन थामा है। यह बदलाव छोटे स्तर का नहीं बल्कि राजनीति के समीकरण को पलट देने वाला है।

इस पूरे कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण वह था जब एक बुजुर्ग किसान मंच पर आकर बोला – “मैंने अपनी पूरी जिंदगी किसानों के हक की लड़ाई में निकाल दी लेकिन कभी किसी पार्टी ने हमें महत्व नहीं दिया। आज मैं गर्व से कह सकता हूँ कि यह हमारी पार्टी है, यह हमारी आवाज़ है।” उस किसान की आवाज़ सुनकर पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। यह दृश्य बताता है कि पार्टी ने दिलों को जीत लिया है।

सिर्फ खरोरा ही नहीं, आस-पास के गाँवों से आए लोगों का कहना था कि अब वे इस आंदोलन को अपने-अपने गाँव में ले जाएंगे। हर चौपाल, हर आँगन और हर खेत में “जय जोहार” की गूंज सुनाई देगी। लोग कह रहे थे कि आने वाला चुनाव अब सिर्फ सत्ता बदलने का नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता को जगाने का चुनाव होगा।

पार्टी की भविष्य की रणनीति भी कार्यक्रम में साफ की गई। खरोरा को गढ़ बनाकर पूरे रायपुर ग्रामीण में संगठन को बूथ स्तर तक खड़ा किया जाएगा। गाँव-गाँव में सदस्यता अभियान चलेगा, चौपालों पर जनसंवाद होगा और सोशल मीडिया पर “जय जोहार” अभियान पूरे जोर-शोर से चलाया जाएगा। युवाओं को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे आधुनिक तकनीक के जरिए पार्टी की आवाज़ हर घर तक पहुंचाएं।

विशेषज्ञों का मानना है कि खरोरा से उठी यह लहर आने वाले चुनावों में बड़ा असर डालेगी। अब तक जो लोग राष्ट्रीय दलों के साथ खड़े थे, वे भी धीरे-धीरे इस पार्टी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कई जगहों पर तो यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि आने वाले चुनाव में रायपुर ग्रामीण की राजनीति जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के इर्द-गिर्द ही घूमेगी।

कार्यक्रम का समापन उस समय हुआ जब पूरा मैदान एक साथ खड़ा होकर नारा लगाने लगा –
“जय जोहार… जय छत्तीसगढ़।”
उस पल का दृश्य किसी उत्सव से कम नहीं था। लोग एक-दूसरे को गले लगाकर कह रहे थे कि अब समय आ गया है अपनी पार्टी को मजबूत करने का।जेसीपी के खरोरा खड़ अध्यक्ष  आसकरण साहू को बनाया गया उपाध्यक्ष रघुवीर टंडन मनोज वर्मा, सचिव पोषण साहू को बनाया गया वहीसीकेएस खरोरा के संयोजक कौशल निषाद अध्यक्ष राकेश सेन, उपाध्यक्ष लक्की सोनी, महामंत्री अनुज वर्मा, सचिव जीतेश देवांगन को बनाया गया
खरोरा खड़ से पार तक गूंजा यह नारा अब सिर्फ एक आवाज़ नहीं बल्कि आंदोलन की गूंज बन चुका है। योगेश साहू के नेतृत्व में खरोरा लगातार मजबूत हो रहा है और यह मजबूती पूरे रायपुर ग्रामीण की राजनीति को नई दिशा देने वाली है। आज का यह दिन इस बात का प्रतीक है कि छत्तीसगढ़ का बेटा अब किसी के रहमोकरम पर नहीं बल्कि अपनी मिट्टी के बल पर खड़ा होगा।

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